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प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह एगारह गणहर जिणह, अणइ चारि सहस्स, चउहि सएहि समग्गला, वीरि दिक्खि कय सीस. २९ पूर मणोरह जिणवरह, लद्धऊ गोयमु सीसु,
बोहिवि मेइणि भवजलहि, सासय सुह संपत्तु. ३० - श्री महावीरस्तोत्रं समाप्त. शुभं भवतु.
[जैनयुग, चैत्र १९८४, पृ.२९५]
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