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प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह
कळश
ओगणीश एके, वरस छेके, पूर्णिमा श्रावण वरो; में थुण्यो लायक, विश्वनायक, वर्द्धमान जिनेश्वरी. संवेग-रंग-तरंग झीले, जसविजय समता धरो; शुभविजय पंडित चरण सेवक, वीरविजयो जयकरो. १२
[जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स हेरल्ड, ओगस्ट-सप्टेम्बर १९१४, पृ.३१६–२०]
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