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जयमशिष्यकृत चितोड चैत्यपरिपाटी
हुंबड पूना तणी कीरतिथंभ करावि
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सात भुंहि सोहामणीइ बिंब
पेखी
पास
चंद्रप्रभ
धूअ तिणि ए मति मंडीअ, जात माहरी सूखडीअ, सहस दोइ देखि,
पाछा
संचरिआ ए नि० वंदी वीर विशेष. म० १८ जिनिंद दिगंबरई तिहां नव स बिंब,
च्यालीस - सिउंअ
पूजइं
अवलंब, अर्बुद-सामिअ.
पनर
मलधारई
बिंब - स्युं
श्री
नाभिराय सु
चंद्रप्रभ पूर मन कामी, पनर बिंब पूजी करी ए सुराणईं सम चंद; सतर बिंब सोहामणइ नि० सामी सुमति जिणिंद. म० १९
वरहडीइ
देव उगुणपंचास,
संघवी
पूरी मनि आस,
संति,
एकसउ
खंति,
पा[रा]य,
श्री
धनराजे
चउत्रीस
जिणदत्त
खीया
लोला- भवणि अठावन्न मूरति भली
जेह
बिंब - सिउं
साहि पूरी
पूजीजइ
निय
२३१
ए संति जिणेसर
ए, नि० सेवं अनुदिन पाय. म० २०
वस्तु
वीर भवणि वीर भवणि करी महापूजि, सहसकोटि पेखी करी दिगंबरइ बहु बिंब पामीय, चंद्रप्रभ दोइ अति भला, आदिदेव अर्बुदसामीअ, सूराणइ पूजा करी समरिआ सुमति जिणंद, पारेवु जिणि राखिउ, शरणइ शांति जिणिंद. २१
भाषा
हिव नागोरइ देहरइ तु, भमइरूली श्री मुनिसुव्रत सामि तु, एकसउ पंचवीस पूजीजइ तु, भ० नवनिधि लीधई नामि तु. २२ शीतल-सामी अंचलीई तु, भ० त्रिणि सई बिंब अठ्ठतीस तु, नाणावालइ अठ्ठतीस तु भ० मुनिसुव्रत जगदीस तु. २३ चउवीस बिंब पल्लीवालइ भ० सीमंधर जयवंत तु, चित्रावालई च्यालीसइ तु, भ० पास जिणंद दयवंत तु. २४
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