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प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह
देसि नयर हुए संति ए, तीण नाम कीयउ सिरि संति ए, जिणगुण कुण जाणइ कही ए, तिहुं भवणे तस उपम नही ए. १२ नयणसलूणउ हरिणलउ ए, वनि सिंहिं बीहइ एकलउ ए, नयर - समाधि-निरोधू नारि-विरोधू ए. १३ लोक कुरंग ए,
ए. अनइ नय गीतह राग सुरंग ए, पुण पभणइ तउ उलगई ससंकू ए, तीणई पामिउं नाम कलंकु ए. १४ इणि परि मृग अति खलभलिउ ए, भयभंजण सामी सांभलिउ ए, तु आदिउ नि आपणइ ए, पाय सेवई, मिसि लंछण तणइ ए. १५ लीलापति परणइ घणी ए, नवनवीय कुंयरी रायह तणी ए, बलछलि अरिजण जोगवई ए, प्रीय राज भली परि भोगवइ ए. १६ कुमर तणई मंडलि सम ए, पंचास सहस वरसह गम ए, तउ तेजहि दिणयर जिसउ ए, ऊपन्नउ चक्करयण इसउ ए. १७ साधीय भरह छ खंड ए, वरताविय आण अखंड ए, चउदह रयण नवनिहि सही ए, वर [ वसु] सोल सहस्स जकखे अही ए. १८ सहस बहर पुरवरह, बत्तीस मउडधर नरवरह, पायक गामह कोडि ए, छन्नवइं नमइ कर जोडि ए. १९ हय गय रहवर जूजूआ ए, लख चउरासी मंदिर हूआ ए, लखत्रि वाजि घमघमइ ए, बत्रीस सहस्स नाटक रमइ ए. २० रूपि जिसी सुरसुंदरी ए, लखण लावन लीला भरी ए, जंगम सोहग्ग- देहुरी ए, अवर ज रिद्धि प्रकार तिणि कहिवई कुण जाणू ए, वपु वपु रे पुन्नप्रमाणू ए. २२ इम चक्कीसर पंचमउ ए, चउथई वरिस सहस्स पंचवीस ए, सवि पूरीय इणि परि बिहुं तित्थंकरह, चिर पालीय राज जाणिउं अवसर सारू ए, बहुं बिहु खम दम धीरिम धरि ए, बिहुं मोह मयण मद परिहरी ए, विहु जिण - झाण समाणू ए, बिहु पामिउं केवलनाणू ए. २५ बिहु देवह कोडिहिं महिय, बिहुं चउतीसई अइसइ सहीय, समउसरण बिहु ठाणु ए, बिहुं जोजन वाणि वखाणु ए. २६
दूसमसूसमउ ए,
मनहि जगीस ए. २३ विविह परिह
संजमभारू ए. २४
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इसी चउसठि सहस्स अंतेउरी ए. २१ ए, मणि कंचण रयण भंडारू ए,
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