SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - 18 विग्रहव्या० विग्रहव्यावर्तनी (नवनालन्दा रिसर्च वोल्यूम १) वै०सू० वैशेषिकसूत्र (गायकवाड ओरिएण्टल सिरिझ, बडौडा) व्यासभा० व्यासभाध्य (चौखम्बा) व्यो० प्रशस्तपादभाष्यटीकाव्योमवती (चौखम्बा) शतपथब्रा० शतपथब्राह्मण (चौखम्बा) शा०भा०, शाबरभा० शाबरभाष्य (आनन्दाश्रमसंस्कृतग्रन्थावलि) शास्त्रदी० शास्त्रदीपिका (विद्याविलासप्रेस, काशी) श्लोकवा०; प्रलो०वा० श्लोकवार्तिक (चौखम्बा) श्लोव्वा उम्बेकटी० श्लोकवार्तिक-उम्बेकटीका (मद्रासयुनि०) सांख्यका सा० का० साङ्ख्यकारिका सप्तप० सप्तपदार्थी (ला. द. विद्यामंदिर, अहमदाबाद) सर्वदर्शन० सर्वदर्शनसंग्रह (भाण्डारकर ओरिएण्टल इन्स्टीट्यूट, पूना) सा० द० साहित्यदर्पण (निर्णयसागर, बंबई) सांख्यत० कौ० साङ्ख्यतत्त्वकौमुदी सांप्रवचनभा० सांख्यप्रवचनभाष्य (भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी) सां०सू० सांख्यसूत्र (भारतीय विद्याप्रकाशन, वाराणसी) सिद्धिवि० सिद्धिविनिश्चय (भारतीयज्ञानपीठ, काशी) सौन्दर० सौन्दरनन्दमहाकाव्य स्प०का० स्पन्दकारिका (विवृतिसहित) (काश्मिर संस्कृत सिरिझ) स्फोटसि. स्फोटसिद्धि (मद्रासयुनि०) स्याद्वादरत्ना० स्याद्वादरत्नाकर (आर्हतमतप्रभाकर, पूना) हेतुबि० हेतुबिन्दु (गायकवाड ओरिएण्टल सिरिझ, बडौदा) हेतुबि० टो० हेतुबिन्दुटीका ( , ) हेतुबिष्टी०आ० हेतुबिन्दुटीकालोक ( , ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002637
Book TitleNyayamanjari Granthibhanga
Original Sutra AuthorChakradhar
AuthorNagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages312
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy