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________________ ६२ प्रद्युम्नकुमार-चुपई तेने उपाडी जवा लाग्यो त्यारे सुरभि गायोए तेने छोडाववा प्राण आपी दीधा. परंतु त्यांथी छटकी नानो भाई चमरगुरुनी सेवा करवा लाग्यो. वरदानमा नाना भाईए अमृतजळ मांगी सुरभि गायोने नीवित करी अने पाछो तेमनी साथे रहेवा लाग्यो. एक दिवस एक राजा, पोतानी नानी पुत्रीने योग्य आ ज वर छ-एम जाणी नाना भाईने रथमां बेसाडी पोताने महेल लई आव्यो. जेवी तेणे राजानी कुंवरी जोई तेवी ज तेने गमी गई. तेनी साथे लग्न करीने ते सुखेथी रहेवा लाग्यो. मंडल जिल्लानी एक कथामां एक नानो भाई निर्धन होवा छतां समृद्धिनी स्वप्नील शंखना करे छे. ते जोई मोटा भाईओ तेने धुत्कारी मृत्युना मुखमां धकेले छे. पण तेमांथी ते बची पोताना पुरुषार्थ वडे झंखेली समृद्धि मेळवीने ज जंपे छे. कथा ₹कमां आ प्रमाणे छे' : पांच गरीब भाईओ हता अने लाकडां कापी वेचवानो धंधो करता हता. एक दिवस लाकडां वेचवा जता हता त्यां रस्तामा एक झरणाने कांठे आराम लेवा बेठा अने गप्पां मारवा मांडल्या. एवामां नाना भाईए कह्यु, 'हूं अही वच्चे हाथीघोडानां रहेठाणो सहितनो एक राजमहेल बांधीश अने मारा नोकरो पण अहीं रहेशे' आ सांभळी मोटा भाईओ क्रोधे भराइ बराडया के, 'तारा जेवू भूख्यु प्राणी वळी राजमहेल शुबांधवानु?' लाकडा वेची आवती वखते मोटा भाईओए पोते तरस्या थया छे एq बहानु बतावी पाणी लेवा माटे नाना भाईने कुवे मोकल्यो अने तेमां धक्को मारी नाखी दीधो. बीजे दिवसे एक हजामे तेने कूवामांयी बहार काढ्यो अने तेने राजा पासे लई गयो. राजाए उपचार करी तेने जीवाड्यो अने चपरासी तरीके राख्यो. त्यां तेने हजाम साथे दोस्ती थई. एक दिवस हजाम अने नानो भाई वेपार करवा देशान्तरे जवा तैयार थया, रस्तामा एक निर्जन गाममां आव्या. त्यांना बधां रहेवासीओने एक राक्षस भक्षी गयो हतो अने त्यांनी दोलतनुरक्षण तेनो दीकरो करतो हतो. नाना भाईए अने हजामे आखा गाममा रखडी पुष्कळ धन एकठ कयु: नानो भाई तो वे धन लई पोताना घोडा उपर चाली नीकळयो अने हजाम अति लोभथी बीजी उत्तम चीजो लेवा रोकायो. एटलामां राक्षस त्यां आव्यों अने हजामने खाई गयो आ बाजु आ दोलत वडे नाना भाईए पेला झरणा पासे एक राजमहेल बंधाव्यो .... आ उपरांत फ्रेन्च लोककथामां पण आ कथाघटकनु निरूपण करतां कथानको प्राप्त थाय छे. 'सोनेरी वाळवाळी सुंदरी' नामनी कथामां नाना भाईनी विजयकथा साथे मोटा भाईओनी ईर्ष्यानु वृत्तान्त आम कहेवायु छे : एक आंधळा राजाए पोताना त्रण दीकरामांथी जे कोई सोनेरी वाळवाळी सुंदरीना फुवारामांथी जादई जळ लावी आपी पोतानी आंखो सारी करशे तेने पोतानु राज्य आपवानु वचन आप्यं. प्रथम बे मोटा भाई ओ जादुई जळनी शोधमां नीकळया. पण रस्तामा पथिकाश्रमां रोकाया ज्यां तेमणे पोतार्नु बधु धन गुमाब्यु अते त्यांनी माल कणना गुलाम बनी रह्या. १. The Palace by the Stream (A Baiga story from Pandpur Mandal District) From "Folktales of Mahakoshal' By Verrier Elwin. (The Fair Lady of the Golden Locks' From : Tales from the French Folklore of Missouri' P. 167. - by Medard Carriere. - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002633
Book TitlePradyumnakumara Cupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalshekhar, Mahendra B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages196
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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