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प्रधुम्नकुमार-चुपई
यतः वापी विप्र विहार वर्ण वनिता वाग्मी वनं वाटिका
विद्या ब्राम्हण वारि वादि विबुधा वेश्या वणिग् वाहिनी । विद्या वीर विवेक वित्त विनया वाचयमा पल्लिका वस्त्रं वारण वाजि वेसर वरं राज्यं [व] वैः शोभते ॥२
गढ मढ मंडप धवलहर जिनप्रतिमा-करी सोभती कृष्णरायनइ तपि करी सायरमझि द्वारिकपुरी गढ कंचणमय दीपतु मणिमाणिकमय सोभती पोलि पोलि दीसइ भली मणिमाणिक जड्या प्रवर
जिनमंदिर अतिसार अमरावय-अवतार रचीय धणवइ दिध बारह जोयण किद्ध पंचवन कोसीस कणयकलस वर सीस मोती वनरवाल किमाडह चुसाल
चुपई
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दीसइ विविधा परि आवास . मढ देउल मंदिर चउपास चउरासी चहूटां सुविशाल पुन्य-पवीत्र जिहां भली पोसाल चिहु दिसि सायर झलकइ नीर चिहु दिसि रखवालइ सवि वीर चिहुं2 दिसि सास्त्र भणइ झंकारु चिहु दिसि सोहइ पोलि पगारु चोर चरड नवि दीसइ कोइ कोटिधज निवसइ तिहि लोइ धर्मवत माणस अतिघणा छत्रीस पवन(?)जाति तेहतणा च्यारि वर्ण क्षत्री बंभणा वेश्य सूद्र कर्मिइ सूं घणा वसइ राजकुली छत्रीस तिहि पुरि निवसइ यादवईस दसदसारकरि सोहइ राज पंचवीर नितु सारइ काज त्रिणि खंडनु श्रीकृष्णह राउ अरीयणदल भांजइ भडवाउ बंधव बलिभद्र कुमरह जोइ तास बल नवि पूजइ कोइ कोडि छपन्न यादव अवतार साहण वाहण घणु खंधार परिगह पूरी बइठउ राउ दल सामंतन सुहइ ठाउ अगर सुगंध वास परिमलइ सोवनदंडइ चामर ढलइ 1. विवध 2. चिंह
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