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अष्ट मंगल द्रव्य १, मकराने का शिशु १, सोलह स्वप्न व राजमहल के पर्दे १, पूर्वभव १०, गर्भपेटी (मंजूषा) कंकोल ३ तो., खस २ तो., चाँदी छड़ी २, तलवार २, चंदन का पाटा १, चंदोवा २, मेनफल २५, शिला १, लोढ़ी छोटी १, पाषाण की षट्कोण शिला छोटी १, पंचरत्न पुड़ी १५, लाल सफेद चंदन की समिधा ५-५ कि., इलायची, खोपरा, हीराकणी ५, पारद ५ सीसी, मण्डल माँडने के रंग, मण्डल के तख्ते, अगर-तगर समिधा १-१ कि., तपेली घृत हेतु १०, पूजा की लम्बी टेबलें ५, चटाई (शीतल पट्टी) ४ व आसन डाभ के ३२, झारी शान्तिधारा को १, पूजा उपकरण, ईंटें स्थंडिल को १००, सूखी मिट्टी १५ कि., जल की कोठी १, परात १, तपेले २, हंडे २, विछायत, लालटेन २, बेदी २, चाँदी की डिब्बी, (केश रखने को), कलश मिट्टी के, विधिनायक प्रतिमा १ . ९ अंगुल सर्वधातु की, विधिनायक प्रतिमा के २ जोड़ी वस्त्र, आभूषण, मुकुट, कुण्डल, कड़े (हार), कोठरी २, परिचारक २, पुजारी २, हाथी, बाजे, झंडा, जपवाले ११, चाँदी के पुष्प, जलयात्रा कलश १०८, वेदी व शिखर के कलश, ध्वजदण्ड और ध्वजा, समवसरण, कैलाश या पावापुरी आदि की रचना, याग मण्डल रचना, चाँवल सफेद व पीले मण्डल के लिए मण्डल माँडने वाले २, वेदी प्रतिष्ठा को क्वाथ, सर्वोषधि ।
तीर्थ मृत्तिका, लम्बा दर्पण १, डाभ की कूँची २५, मेरु (पाण्डुक शिला) की रचना, दीक्षावन, बटवृक्ष, झण्डा १।
मण्डप में तीन कटनी, चबूतरा, कोठार, स्नान-जप-पूजा द्रव्य धोने का स्थान, इन्द्रों के लिए ड्रेसिंग स्थल, रथयात्रा, राजसभा की सजावट, झूला १ (मय सजावट व रस्सी के)। ___ क्वाथ- शमी, पलाश, बेल, आम्र के सूखे पत्ते, अडूसा, सतावर, गिलोय, सहदेवी के सूखे पत्ते, चन्दन, श्रीखण्ड, अगर, अर्जुन; इनमें जो मिल सकें।
नदी की मृत्तिका, सफेद सरसों, मौलश्री, अशोक, पीपल के सूखे पत्ते ।
उबटन- सफेद सरसों, जायफल, हल्दी पिसी, कंकोल, इलायची, जावित्री, लोंग, चन्दन चूरा, अगर-तगर का चूरा, कूट, सरसों।।
दशांगधूप- सुगंध यंत्री, सुगंधबाला, सुगन्ध कोकिला, छवीला, कपूरकाचरी, गूगल, जटामासी, नागरमोथा, चन्दन लाल व सफेद, चन्दन चूरा।
अष्टगंध- केशर, जावित्री, जायफल, अगर-तगर, लाल चन्दन, सफेद चन्दन, देशी कर्पूर सभी ४-४ आने भर वजन। पंचाश्चर्य- रत्न, पुष्पवर्षा, जल, देव दुन्दुभि के शब्द, जय-जय शब्द ।
प्रतिष्ठा में उपयोगी यन्त्र १. वेदी में - मूलनायक की प्रतिमा को विराजमान करते समय एवं पृथक यन्त्र । २. चौवीस महाराज मण्डल - पंचकल्याणक की पूजा के समय
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[प्रतिष्ठा-प्रदीप
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