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तीर्थंकर प्रतिमा की प्रतिष्ठा बिना नाम, पितृनाम, मातृनाम, स्थान नाम के नहीं होती, ऐसा प्रतिष्ठा पाठ के अनुसार मन्त्र संस्कार विधि में वर्णित है। विदेह क्षेत्र के तीर्थंकरों के जन्माभिषेक हेतु मेरु पर इनकी जन्माभिषेक शिला भी पृथक् पाई जाती है। विशेष यह है कि उक्त तीर्थंकरों की गर्भ व जन्म तिथि का उल्लेख कर पूजा की जाती है।
वर्तमान तीर्थंकरों के पंच कल्याणकों की शुद्ध तिथि
नाम गर्भ कल्याणक जन्म कल्याणक तप कल्याणक ज्ञान कल्याणक मोक्ष कल्याणक ऋषभनाथ आषाढ़ कृष्ण २ चैत्र कृष्ण ९ चैत्र कृष्ण ९ फाल्गुन कृष्ण ११ माघ कृष्ण १४ अजितनाथ ज्येष्ठ कृष्ण ३० माघ शुक्ल १० माघ शक्ल ९ पौष शुक्ल ११ चैत्र शुक्ल ५ संभवनाथ फाल्गुन शुक्ल ८ कार्तिक शुक्ल १५ मगसिर शुक्ल १५ कार्तिक कृष्ण ४ चैत्र शुक्ल ६ अभिनन्दननाथ वैशाख शुक्ल ६ माघ शुक्ल १२ माघ शुक्ल १४ पौष शुक्ल १४ ।। वैशाख शुक्ल ६ सुमतिनाथ श्रावण शुक्ल २ चैत्र शुक्ल ११ वैशाख शुक्ल ९ चैत्र शुक्ल ११
चैत्र शुक्ल ११ पद्मप्रभ माघ कृष्ण ६ कार्तिक कृष्ण १३ कार्तिक कृष्ण १३ चैत्र शुक्ल १५ फाल्गुन कृष्ण ४ सुपार्श्वनाथ भाद्रपद शुक्ल ६ ज्येष्ठ शुक्ल १२ ज्येष्ठ शुक्ल १२ फाल्गुन कृष्ण ६ फाल्गुन कृष्ण ७ चन्द्रप्रभ चैत्र कृष्ण ५ पौष कृष्ण ११ पौष कृष्ण ११ फाल्गुन कृष्ण ७ फाल्गुन कृष्ण ७ पुष्पदंत फाल्गुन कृष्ण ९ मगसिर शुक्ल १ मगसिर शुक्ल १ कार्तिक शुक्ल २ भाद्रपद शुक्ल ८ शीतलनाथ चैत्र कृष्ण ८ माघ कृष्ण १२ माघ कृष्ण १२ पौष कृष्ण १४ आश्विन शुक्ल८ श्रेयांसनाथ ज्येष्ठ कृष्ण ६ फाल्गुन कृष्ण ११ फाल्गुन कृष्ण ११ माघ कृष्ण ३० श्रावण शुक्ल १५ वासुपूज्य आषाढ़ कृष्ण ६ फाल्गुन कृष्ण १४ फाल्गुन कृष्ण १४ माघ शुक्ल २ भाद्रपद शुक्ल १४ विमलनाथ ज्येष्ठ कृष्ण १० माघ शुक्ल ४ माघ शुक्ल ४ माघ शुक्ल ६ आषाढ़ कृष्ण ८ अनंतनाथ कार्तिक कृष्ण १ ज्येष्ठ कृष्ण १२ ज्येष्ठ कृष्ण १२ चैत्र कृष्ण ३० चैत्र कृष्ण ३० धर्मनाथ वैशाख कृष्ण १३ माघ शुक्ल १३ माघ शुक्ल १३ पौष शुक्ल १५
ज्येष्ठ शुक्ल ४ शांतिनाथ भाद्रपद कृष्ण ७ । ज्येष्ठ कृष्ण १४ ज्येष्ठ कृष्ण १४ पौष शुक्ल १०
पौष कृष्ण १४ कुंथुनाथ श्रावण कृष्ण १० वैशाख शुक्ल १ वैशाख शुक्ल १ चैत्र शुक्ल ३ वैशाख शुक्ल १ अरनाथ वैशाख शुक्ल ३ ।। मगसिर शुक्ल १४ मगसिर शुक्ल १० कार्तिक शुक्ल १२ । चैत्र कृष्ण ३० मल्लिनाथ चैत्र शुक्ल १ मगसिर शुक्ल ११ मगसिर शुक्ल ११ पौष कृष्ण २ फाल्गुन शुक्ल ५ मुनिसुव्रतनाथ श्रावण कृष्ण २ वैशाख कृष्ण १० वैशाख कृष्ण १० वैशाख कृष्ण ९ फाल्गुन कृष्ण १२ नमिनाथ आश्विन कृष्ण २ आषाढ़ कृष्ण १० आषाढ़ कृष्ण १० मगसिर शुक्ल ११ वैशाख कृष्ण १४ नेमिनाथ कार्तिक शक्ल ६ श्रावण शक्ल ६ श्रावण शक्ल ६ आश्विन शक्ल१ आषाढ शक्ल ७ पार्श्वनाथ वैशाख कृष्ण २ पौष कृष्ण ११ पौष कृष्ण ११ चैत्र कृष्ण ४ श्रावण शुक्ल ७ महावीर आषाढ़ शुक्ल ६ चैत्र शुक्ल १३ मगसिर कृष्ण १० वैशाख शुक्ल १० कार्तिक कृष्ण ३०
नोट:- उपलब्ध हिन्दी चौवीसीपूजा १६ में प्रायः पंच कल्याणक तिथियाँ अशुद्ध होने से उक्त संस्कृत उत्तरपुराण की शुद्ध तिथियों का विवरण यहाँ दिया गया है।
[प्रतिष्ठा-प्रदीप
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