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प्रतिमा निर्माण व परीक्षण की विस्तृत विधि १. मुख : मस्तक के केशों से लेकर ठोड़ी तक १२ भाग प्रमाण ऊँचा और इतना ही चौड़ा मुख करें। ऊँचाई के तीन भाग करें। उनमें से १ भाग अर्थात् ४ भाग प्रमाण ललाट करें, दूसरे भाग में ४ भाग प्रमाण नासिका करें; और तीसरे भाग में दाढ़ी तक ४ भाग प्रमाण मुख और ठोढ़ी करें । ललाट ८ भाग प्रमाण चौड़ा और ८ भाग प्रमाण ऊँचा करें। ललाट के ऊपर उष्णीश चोटी तक ५ भाग प्रमाण केश करें । उसके ऊपर २ भाग प्रमाण क्रम से चूड़ा उतार रूप में किंचित् ऊँची और गोल चोटी करें। चोटी से ग्रीवा के पिछले भाग तक ५ भाग प्रमाण में लम्बे केश करें। इस प्रकार ललाट से लेकर ग्रीवा के पिछले भाग तक १२ भाग प्रमाण में मस्तक करें। मस्तक के उभय पाश्र्यों में ४-४ भाग प्रमाण चौड़े (धनुष के आकार मध्य में मोटे और दोनों ओर अग्रभाग में कृश) शंख नाम के दो हाड़ करें । इन दोनों हाड़ों के मध्य में ४ भाग प्रमाण चौड़ा केश स्थान करें। इस प्रकार भी १२ भाग प्रमाण ही मस्तक रक्खें । ललाट के ४ भाग प्रमाण नीचे और ४३ भाग प्रमाण लम्बे दोनों भंवारे करें। १३ भाग प्रमाण चौड़ा आदि में, ५ भाग प्रमाण चौड़ा अंत में करें । ३ भाग प्रमाण लम्बी नेत्रों की सफेदी कमल पुष्पदल के समान करें। सफेदी के मध्य में १ भाग प्रमाण श्याम तारा करें । तारा के मध्य भाग प्रमाण गोल छोटी श्याम तारिका करें । भृकुटी के मध्य से लेकर नीचे की ओर बाफणी तक ३ भाग प्रमाण आँखों की चौड़ाई करें । नासिका के मूल में २ भाग प्रमाण दोनों नेत्रों का अंतराल करें। ऊपर नीचे के दोनों होठ २-२ भाग प्रमाण लम्बे और १-१ भाग प्रमाण ऊँचे करें। ४ भाग प्रमाण मुख फाड़ करके, मुख के मध्य में २ भाग होठों को खुले करें और १-१ भाग प्रमाण (दोऊ बगल मिली करें)। नासिका के नीचे और ऊपर के होठ के मध्य में भाग प्रमाण लम्बी
और ? भाग प्रमाण चौड़ी नाली करें। १ भाग प्रमाण लम्बी तथा ३ भाग प्रमाण मोटी सृक्किणी करें । २ भाग प्रमाण चौड़ी और २ भाग प्रमाण लम्बी ठोड़ी कर दो भाग प्रमाण मोटी हनु (गाल के ऊपर के समीप का हाड़) करें। हनु के मूल से चिंबुक का अंतराल ८ भाग प्रमाण करें। ४१ भाग प्रमाण लम्बे और ३ भाग प्रमाण चौड़े कान करें। ४ भाग प्रमाण चौड़ी पास (कान की मध्यवर्ती कड़ी नस के आगे परनाली रूप खाल) करें। पास के ऊपर की वतिका (गोट) ३ भाग प्रमाण करें। ३ भाग प्रमाण कर्ण का छिद्र मध्य में यवनालिका के समान करें । ४३ भाग प्रमाण नेत्र और कर्णों का अंतराल करें। आगे से दोनों कर्णों का अंतराल १८ भाग प्रमाण करें। और पीछे से दोनों कर्णों का अंतराल १४ भाग प्रमाण हो । इस प्रकार करें के समीप में मस्तक की परिधि ३२ भाग प्रमाण होनी चाहिये और ऊपर में मस्तक की परिधि १२ भाग होनी चाहिये।
२. हाथ : कोहनी का विस्तार ५१ भाग प्रमाण और उसकी परिधि १६ भाग प्रमाण करें । कोहनी से पौंचा तक चूड़ा उतार से बाहु करें। भुजा का मध्य भाग ४२ भाग प्रमाण और उसकी परिधि १४ भाग प्रमाण करें। पौंचे का विस्तार ४ भाग प्रमाण और उसकी परिधि १२ भाग प्रमाण करें। पौचे से मध्यमांगुलि पर्यन्त १२ भाग प्रमाण करें। मध्यमांगुलि ५ भाग प्रमाण करें। मध्यमांगुलि से अर्ध-अर्ध पर्व [प्रतिष्ठा-प्रदीप]
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