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Iviii
आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : ३
गान्धार जातक
७०५
राहु द्वारा चन्द्र का ग्रास : गान्धारराज को वैराग्य विदेहराज प्रेरित दोनों का मिलन एक प्रेरक प्रसंग उपलब्धि
७०५ ७०५ ७०६ ७०६ ७०७
२१. कल्याण मित्र
-७११
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जैन-परम्परा
७०८
अग्नि शर्मा राजा गुणसेन एक प्रसंग
७०६ ७०६
बौद्ध-परम्परा
तथागत द्वारा आनन्द को शिक्षा
७१० ७१०
७१२-७१६
२२. चक्रवर्ती के रत्न
जैन-परम्परा
चवदह रत्न
७१२ ७१२
बौद्ध-परम्परा
७१३ ७१३
सात रत्न
२३. तेल भरा कटोरा
७१७-७२०
जैन-परम्परा
चक्रवर्ती भरत और स्वर्णकार
७१७
बीड-परम्परा
जनपद-कल्याणी
७२० ०२.
परिशिष्ट-१, जैन पारिभाषिक शब्द परिशिष्ट-२. बौद्ध पारिभाषिक शब्द कोष परिशिष्ट-३. प्रयुक्त ग्रन्थ शब्दानुक्रम लेखक की मुख्य-गुख्य कृतियां
७२१-७४८ ७४६-७७० ७७१-७७८ ७७६-७६३ ७६४--७६५
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