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________________ तत्त्व : आचार : कथानुयोग] विषयानुक्रम XXXV पायासी राजन्य श्वेताम्बी-नरेश पायासी: मान्यताएँ श्रमण कुमार काश्यप प्रश्नोत्तर पायासी राजन्य और उत्तर माणवक १८७ १८७ १८७ १८८ २०२ २०४ ३. श्रेणिक द्वारा चाण्डाल से विद्याग्रहण : छबक जातक २०४-२१० श्रेणिक द्वारा चाण्डाल से विद्या-ग्रहण २०४ मगध-नरेश श्रेणिक : एक स्तम्भी प्रासाद चाण्डालिनी का दोहद २०५ अवनामिनी, उन्नामिनी विद्याएँ २०५ आमों की चोरी : राजा को चिन्ता २०५ अभयकुमार द्वारा खोज २०५ चाण्डाल बन्दी २०७ राजा द्वारा चाण्डाल से विद्या शिक्षण २०७ अविनय से विद्या नहीं आती २०८ विनय : सफलता २०८ छबक जातक २०८ उपात्त प्रसंग २०० चाण्डाल-पत्नी का दोहद २०८ वाराणसी-नरेश द्वारा वेद-मन्त्रों का अध्यनोपक्रम २०६ बोधिसत्त्व द्वारा उद्बोधन २०६ हीन चिन्तन २०६ दुनिया बहुत बड़ी है २१० राजा द्वारा विनय का अवलम्बन २१० २११-३७० ४. चतुर रोहक: महा उम्मग्ग जातक चतुर रोहक प्रत्युत्पन्नमति नटपुत्र रोहक माता का निधन सौतेली मां को सबक उज्जयिनी में उज्जयिनी-नरेश द्वारा परीक्षा पाषाण-शिला हटाये बिना उससे मण्डपनिर्माण परिपुष्ट मेंढ़ा २११ २११ २१२ २१२ २१३ २१४ २१४ २१५ . ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002623
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherConcept Publishing Company
Publication Year1991
Total Pages858
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, Conduct, & Story
File Size17 MB
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