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आगम और त्रिपिटक: एक अनशीलन
[ खण्ड:३
प्रज्ञा द्वारा समीक्षण आस्रव : संवर
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लेश्या: अभिजाति
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कृष्ण लेश्या : अप्रशस्त नील लेश्याः अप्रशस्त कापोत लेश्या: अप्रशस्त तेजो लेश्याः प्रशस्त पद्मलेश्याः प्रशस्त शुक्ल लेश्याः प्रशस्त
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शुभ-अशुभ: कुशल-अकुशल ध्यान : आलम्बन एवं विधाएं
धर्म-ध्यान के चार प्रकार आज्ञा-विचय उपाय-विचय विपाक-विचय संस्थान विचय शुक्ल-ध्यान के चार भेद पृथकत्व-वितर्क-सविचार एकत्व-वितर्क-सुविचार सूक्ष्म क्रिय-अप्रतिपाति समुच्छिन्न क्रियानिवृत्ति (व्युपरतक्रियानिवृत्ति)
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ब्राह्मण कौन?
भगवद्-गुण
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तीर्थकर, अर्हत्, बोधिसत्त्व
अचल, अच्युत, अक्षय शरण निर्वाण : परम, अनुपम सुख
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भारत की पुरावर्ती दार्शनिक परंपराएँ : मतवाद
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सूत्रकृतांग में मत-विवेचन
६४
पंच महाभूतवाद एकात्मवाद
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