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६८० ] प्रागम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[खण्ड : २ १६. उत्तराध्ययन सूत्र : भावविजयजी कृत टीका, प्र० प्रात्मानन्द जैन सभा, भावनगर २०. उपमिति भवप्रपञ्चकथा : प्राचार्य सिद्धर्षि २१. ऋग्वेद : २२. औपपातिक सूत्र : अभयदेव सूरि वृत्ति सहित, प्र० देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धार
___ फण्ड, सूरत, १९३७ २३. कच्चान व्याकरण : २४. कपूर मंजरी : राज शेखर २५. कल्पसूत्र : प्र० साराभाई मणिलाल नबाव, अहमदाबाद १९४१ २६. कल्पसूत्र टीका : २७. कल्याण : गीता प्रेस, गोरखपुर २८. कामसूत्र : २६. काव्यादर्श : दण्डी ३०. काव्यालंकार वृत्ति : ३१. गउड़वहो : वाक्पति राज ३२. गोपक मोग्गलान सुत्त : ३३. गोम्मटसार : नेमिचन्द्राचार्य सिद्धान्त चक्रवर्ती, पाढम निवासी पं० मनोहरलाल
कृत वृत्ति, प्र० श्री परमश्रु त प्रभाबक मंडल, बम्बई १९१३ ३४. चूलवग्ग परिच्छेद : ३५. चूलवंस परिच्छेद : ३६. छान्दोग्योपनिषद् : ३७. जंबूदीपपण्णत्ति : शांतिचन्द्र गणि विहित वृत्ति सहित ( भाग १, २) प्र.
___देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत, १९२० ३८. जय धवला प्रशस्ति : ३६. जैन आगम : पं० दलसुख माल वरिणया, जैन संस्कृति शोध मंडल, बनारस,
१९४७ ४०. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश : क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी ४१. जैन सिद्धान्त भास्कर : जैन सिद्धान्त भवन, पारा १९१३ ४२. ज्योतिष्करण्डक टीका : ४३. ज्ञातृधर्मकथा : ४४. ज्ञातृधर्मकथा सूत्र :
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