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________________ ४८४ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन खण्ड २ आदि का विश्लेषण, भेद-प्रकार; आदि का विस्तार से वर्णन है । जैन पारिभाषिक परिमारणक्रम तथा संख्या-क्रम की दृष्टि से इसका वस्तुतः महत्व है । সইথো শুনা __ कुप्रावचनिक, मिथ्या शास्त्र, पाखण्डी श्रमण, कापालिक, तापस, परिव्राजक, पाण्डुरंग आदि धर्मोपजीवियों,तृण, काष्ठ तथा पत्ते ढोने वालों, वस्त्र, सूत, भाण्ड आदि का विक्रय कर जीविकोपार्जन करने वालों, जुलाहों, बढ़इयों, चितेरों, दांत के कारीगरों, छत्र बनाने वालों आदि का यथाप्रसंग विवेचन हुआ है। प्रमारण-चर्चा प्रमाण-वर्णन के प्रसंग में प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान तथा आगम की विशद चर्चा की गयी है। दो भेद बतलाये गये हैं : इन्द्रिय-प्रत्यक्ष तथा नो-इन्द्रिय-प्रत्यक्ष । इन्द्रिय-प्रत्यक्ष के पांच भेद कहे गये हैं-श्रोत्रेन्द्रिय-प्रत्यक्ष, चक्षुः-इन्द्रिय-प्रत्यक्ष, घ्राणेन्द्रिय-प्रत्यक्ष, रसनेन्द्रियप्रत्यक्ष तथा स्पर्शनेन्द्रिय-प्रत्यक्ष । नो-इन्द्रिय-प्रत्यक्ष का वर्णन करते हुए उसे अवधि-ज्ञान-प्रत्यक्ष, मनःपर्यव-ज्ञान-प्रत्यक्ष तथा केवल-ज्ञान-प्रत्यक्ष; इस प्रकार तीन प्रकार का बतलाया गया है । अनुमान का वर्णन करते हुए उसके पूर्ववत् तथा दृष्टि-साधर्म्य नामक तीन भेदों की चर्चा की गयी है। प्रमाण की तरह नयवाद की भी विस्तार से चर्चा हुई है । इन वर्णनक्रमों से इसके अर्वाचीन होने का कथन परिपुष्ट होता है । प्रस्तुत ग्रन्थ पर जिनदास महत्तर की चुणि है । आचार्य हरिभद्र तथा मलधारी हेमचन्द्र द्वारा टीकाओं को भी रचना की गयी। दस पइण्णग (दश प्रकीर्णक) . प्रकीर्णक का आशय इधर-उधर बिखरी हुई, छितरी हुई सामग्री या विविध विषयों के समाकलन अथवा संग्रह से है । जैन पारिभाषिक दृष्टि से प्रकीर्णक उन ग्रन्थों को कहा जाता है, जो तीर्थंकरों के शिष्य उद्बुद्धचेता श्रमणों द्वारा अध्यात्म-सम्बद्ध विविध विषयों पर रखे जाते रहे हैं। সন্ধীথাব্দী ধ্বী বংশগ্ৰহণ मन्बी सूत्र में किये गये उल्लेख के अनुसार प्रथम तीर्थकर भगवान् ऋषभ के शिष्यों Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002622
Book TitleAgam aur Tripitak Ek Anushilan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherArhat Prakashan
Publication Year1982
Total Pages740
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Literature
File Size14 MB
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