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महावीर और बुद्ध
एक या दो?
भगवान् महावीर और गौतम बुद्ध एक ही काल और एक ही देश में उत्पन्न हुए थे। दोनों ही क्षत्रिय राजकुमार थे। दोनों ने ही युवावस्था में गृह-त्याग किया था, दोनों के एक-एक पत्नी' और एक-एक सन्तान थी । जैन और बौद्ध ग्रंथों के अनुसार सुदीर्घ साधना के पश्चात् दोनों को हा बोधि-लाभ हुआ और उसके अनुसार दोनों का ही मार्ग-विस्तार हुआ। दोनों के ही अनुयायी श्रमण, भिक्षु और श्रावक कहलाये। दोनों के ही परिनिर्वाण पर मल्लवी, लिच्छवी उपासक राजा विद्यमान थे। अस्तु, भगवान् महावीर और गौतम बुद्ध के जीवन की ये असाधारण समानताएं हैं, जो सहसा किसी एक विचारक को सोचने के लिये प्रेरित करती हैं-क्या महावीर और बुद्ध इन दो नामों में पहचाने जाने वाला कोई एक ही तो महापुरुष नहीं है ? यही तो कारण है, कई पश्चिमी विद्वान् मानने लगे कि बुद्ध और महावीर एक ही व्यक्ति हैं; क्योंकि जैन और बौद्ध परम्परा की मान्यताओं में अनेकविध समानता है। ___ इतिहास के क्षेत्र में कुछ दिनों तक कुहासा-सा छाया रहा। किंतु, अनेकानेक प्रमाणों से अब यह सिद्ध हो चुका है कि महावीर और बुद्ध, इन दो नामों से पहचाने जाने वाले दो पुरुष ही हैं। फिर भी उक्त समानताएं इतनी ज्वलन्त हैं कि इनकी ओर दृष्टिपात करने वाले विद्वान्, महावीर और बुद्ध एक ही थे, यह तथ्य समय-समय पर दुहराते ही जाते हैं। सन् १९६२ में लंका के प्रमुख विद्वान् डॉ. जयसूर्य राजगृह-यात्रा पर आये थे। वहां उन्होंने महावीर और बुद्ध के जीवन की उक्त समानताओं का ब्यौरा देते हुये पत्र-प्रतिनिधियों को बताया- "मेरे विचार में भगवान् महावीर और गौतम बुद्ध कदाचित् ही दो पृथक् व्यक्ति
१. दिगम्बर परम्परा भगवान् महावीर को कुमारावस्था में ही प्रवजित मानतो है। श्वेताम्बर परम्परा के प्राचीन ग्रंथ चउपण्णमहापुरिस चरियं (पृ० २७२; सं० ५० अमृतलाल मोहनलाल भोजक, प्राकृत टैक्स सोसायटी, अहमदाबाद, १९६१) में आचार्य शीलांक ने उल्लेख किया है-संपत्तो य जोव्वणं । तस्साणुहावगुणगणाणुराया य राइणो समागयां णियय धूयाओ घेत्तूण । पणमियाऔ भयवओ। तात्पर्य, अनेक कन्याओं के साथ महावीर का पाणिग्रहण हुआ। पर, वर्तमान में समस्त श्वेताम्बर परम्पराएं इस सम्बन्ध में एकमत ही हैं कि महावीर के एक ही पत्नी थी।
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