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इतिहास और परम्परा ]
विहार और वर्षावास
बुद्ध के समग्र वर्षावासों और विहारों का क्रमिक रूप प्रस्तुत किया है। अनुमान पर आधारित इस सन्धान में मतभेदों का होना तो स्वाभाविक है ही ।
कुल मिला कर अभाव को सद्भाव में परिणत करने का यह आयास उपयोगी ही है । इससे दोनों युग-पुरुषों के वर्षावासों और विहारों का मोटा खाका सर्व साधारण के सम्मुख आ ही जाता है ।
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आचार्य विजयेन्द्र सूरि और राहुल सांकृत्यायन द्वारा संयोजित दोनों युग-पुरुषों के विहार और वर्षावासों का क्रमिक ब्यौरा यहां दिया जा रहा है। वह तुलनात्मक अनुसन्धित्सा की दृष्टि से बहुत उपयोगी हो सकेगा, ऐसी आशा है ।
उक्त ब्योरे को प्रस्तुत ग्रन्थ की काल-गणना के साथ भी संगत कर दिया गया है । सुविधा और स्पष्टता के लिए प्रस्तुत तालिकाओं का एक प्रामाणिक तुलनात्मक विवरण मी बना दिया गया है, जो यहाँ अगले पृष्ठ में दिया जा रहा है :
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