________________
इतिहास और परम्परा ]
बुद्ध-निर्वाण काल : परम्परागत तिथियाँ
महावीर का निर्वाण काल जितना असंदिग्ध बनाया जा सका है, बुद्ध के निर्वाण-काल को उतना असंदिग्ध बना पाना इतना सहज नहीं है । बुद्ध-निर्वाण-काल के सम्बन्ध में सहस्रों वर्ष पूर्व भी संदिग्धता थी और आज भी वह बहुत कुछ अवशेष है। चीनी यात्री फाहियान, जो ई० सन् ४०० में यहाँ आया था, लिखता है : " इस समय तक निर्वाण से १४६७ वर्ष व्यतीत हो चुके हैं।"" इससे बुद्ध-निर्वाण का समय ई० पू० १०६७ के आस-पास आता है । प्रसिद्ध चीनी यात्री -एन-त्सांग ई० सन् ६३० में भारत यात्रा पर आया था। वह लिखता है : "श्री बुद्धदेव ८० वर्ष तक जीवित रहे । उनके निर्वाण की तिथि के विषय में बहुत मतभेद है । कुछ लोग वैशाख पूर्णिमा को उनकी निर्वाण तिथि मानते हैं । सर्वास्तिवादी कार्तिक पूर्णिमा को निर्वाण तिथि मानते हैं । कुछ लोग कहते हैं कि निर्वाण को १२०० वर्ष हो चुके हैं, तो कुछ लोग कहते हैं कि १५०० वर्ष बीत चुके हैं । कुछ लोग कहते हैं, निर्वाण-काल को अभी तक ६०० वर्षों से कुछ अधिक समय हुआ है ।"" इन धारणाओं से तो बुद्ध-निर्वाण काल क्रमश: ई० पू० ५७०, ई० पू० ८७० तथा ई० पू० २७० से कुछ अधिक वर्ष आता है ।
नन्दीवर्धन महानन्दी
उक्त अवधियाँ तो केवल किंवदन्तियाँ मात्र ही रह जाती हैं । बौद्ध परम्पराओं के आधार पर वर्तमान में अनेक तिथियाँ प्रचलित हैं । एक तिथि क्रम सिलोनी गाथा महावंश पर
महापद्मनन्द
महापद्मनन्द के पुत्र
चन्द्रगुप्त
काल-निर्णय
राजा
अजातशत्रु
दर्शक
उदायन ( पूर्व नन्द )
नन्दीवर्धन
काकवर्ण व महानन्दी
( नवनन्द )
नन्द (नाई)
नन्द 'द्वितीय' (महापद्म ) चन्द्रगुप्त
१. भारतीय प्राचीन लिपिमाला । २. वही ।
Jain Education International 2010_05
६१
३. डॉ० शान्तिलाल शाह - Chronological Problems
राज्य-काल
३२
१८
३४
२०
४३
२२
६६
४८०
For Private & Personal Use Only
४१३
३२२ (? ३२५)
तिथि ( ई० पू० )
५५१
५१६
५०१
४६७
४४७
१०३
४०४
३८२
३१६
www.jainelibrary.org