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इतिहास और परम्परा ]
काल - निर्णय
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तक का तिथि क्रम अब हम निश्चित कर सकते हैं। निम्न तिथियों का निश्चय हम कर चुके हैं :
अजातशत्रु का राज्यारोहण गोशालक की मृत्यु
महावीर - निर्वाण
पालक-वंश
नन्द-वंश
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यारोपण
ई०
६० पू० ५४३
ई० पू० ५२७
चन्द्रगुप्त मौर्य का मगध राज्यारोहण
ई० पू० ३२२
चन्द्रगुप्त मौर्य का अवन्ती राज्यारोहण ई० पू० ३१२
जैन काल-गणना के अनुसार अवन्ती में महावीर - निर्वाण के पश्चात् ६० वर्ष पालकवंश और १५५ वर्ष नन्द वंश का राज्य रहा । तदनुसार अवन्ती का राज्य-काल-गणना इस प्रकार बनती है :
ई०
० पू० ५४४
अजातशत्रु (कोणिक) उदायी
अनुरुद्ध-मुण्ड
ई० पू० ५२७ - ई० पू० ४६७ ई० पू० ४६७ - ई० पू० ३१२ ई० पू० ३१२
मगध की राज्य-काल-गणना के सम्बन्ध में हमें निर्वाण के पश्चात् मगध में शिशुनाग वंश का उनके बाद नन्द वंश का राज्य स्थापित हुआ । इस प्रकार मगध में
यह जानकारी मिलती है कि महावीर - राज्य ५३ या ५४ वर्ष तक रहा और शिशुनाग वंश का
१. मुनि कल्याणविजयजी तथा डॉ० टी० एल० शाह ने जैन, बौद्ध और पौराणिक कालगणना के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर शिशुनाग वंश और नन्द वंश के राजाओं के राज्य-काल की गणना की है । विस्तार के लिए देखें, वीर- निर्वाण-संवत् और जैन काल-गणना, पृ० २५- ६; प्राचीन भारतवर्ष, खण्ड १ ।
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२. डॉ० टी० एल० शाह ( पूर्व उद्धृत ग्रन्थ) के अनुसार महावीर - निर्वाण के पश्चात् मगध
में शिशुनाग वंश के राजाओं का राज्य-काल इस प्रकार रहा :
३० वर्ष १६
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कुल ५४ वर्ष
महावीर - निर्वाण-काल ई० पू० ५२७ है; अतः मगध में शिशुनाग वंश का अन्त ई० पू० ४७३ में होता है ।
मुनि कल्याण विजयजी ( पूर्व उद्धृत ग्रन्थ, पृ० २८) ने पुराणों के आधार पर अजातशत्रु व उदयी का राज्य काल क्रमश: ३७ और ३३ वर्ष माना है । जैसा कि प्रमाणित किया जा चुका है, महावीर का निर्वाण अजातशत्रु के राज्यारोहण के १७ वर्ष पश्चात् हुआ; अत: इस गणना से भी मगध में शिशुनाग वंश का अन्त महावीरके ५३ वर्ष पश्चात् अर्थात् ई० पू० ४७४ में होता है ।
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