________________
२५२ ]
[ पट्टावली-पराग
-
५८ स्वातिसूरि -
नरोत्तम के पट्ट पर स्वातिस रि, इनके पट्ट पर हेमस रि का १५१५ में स्वर्गवास । इनके पट्ट पर हर्षस रि ।
५६ हेमसूरि - ६० हर्षसूरि - ६१ कमलचन्द्र -
हर्षसूरि पौषधशाला में रहने लगे, इनके पट्ट पर भट्टारक कमलचन्द्र, कमलचन्द्र के पट्ट पर गुणमारिणक्य । गुणमाणिक्य के पट्ट पर सुन्दरचन्द्र, इनका स्वर्गवास सं० १६७५ में हुआ इनके पट्ट पर भ० प्रभुचन्द्र विद्यमान हैं।
६२ गुणमाणिक्य - ६३ सुन्दरचन्द्र - ६४ प्रभुचन्द्र -
॥ इति द्वितीय परिच्छेद ।।
___Jain Education International 2010_05
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org