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अंबाल-ग
की पहावली
३५ उद्योतनसूरि - इनसे बड़-गच्छ हुआ। ३६ सर्वदेवसूरि ३७ पद्मदेवसूरि ३८ उदयप्रभसूरि ३६ प्रभानन्दसूरि ४० धर्मचन्द्रसूरि ४१ विनयचन्द्रसूरि ४२ गुणसागरसूरि ४३ विजयप्रभसूरि ४४ नरचन्द्रसरि ४५ वीरचन्द्रसरि ४६ जयसिंहसरि ४७ मार्यरक्षितसरि - इनका जन्म सं० ११३६ में भाबु से नैऋत्य
दिग्वर्ती १० माईल पर आये हुए आधुनिक "दत्ताणी" और प्राचीन "दन्ताणी" में हुआ था। सं० ११४६ में दीक्षा, ११५६ में सूरिपद, सं० ११६६ में भालेज गांव में फिर सरिपद और सं० १२२५ में पावागढ़ में स्वर्गवास । इन्होंने २१ उपवास करके काली देवी का आराधन किया था और ११६६ में ७० बोलों की ७० बातों का प्रतिपादन कर अपने समुदाय
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