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विमल-सविन शाखा को गुरु-परम्परा
(५६) प्रानन्दविमलसूरि (५७) ऋद्धिविमलजी (५८) कीतिविमलजी (५६) वीरविमलजी (६०) महोदयविमलजी (६१) प्रमोदविमलजी (६२) मरिणविमलजी
उद्योतविमलजी (६४) दानविमलजी (६५) प० दयालविमलजी (६६) , सौभाग्यविमलजो (६७) , मुक्तिबिमलजी (स्व० १६७४ में) (६८) प्रा. रंगविमलसूरि (सं० २००५ में प्राचार्य-पद)
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