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तपागच्छ -कमलकलश शाखा की पडावली
लक्ष्मीसागरसूरि द्वारा प्राचार्य-पदप्रतिष्ठित ।
श्री रत्नशेखरसूरि ,, लक्ष्मी सागरसूरि ,, सोमदेवसूरि - ,, सुधानन्दनसूरि , सुमतिसुन्दरसूरि " राजप्रियसरि कमलकलशसूरि - जयकल्याणसूरि -
सं० १५५५ से कमलकलश गच्छ चला। १५३६ के फाल्गुन सुदि १० को अचलगढ़ पर प्राग्वाट साह सहसा के मन्दिर के मूलनायक की प्रतिष्ठा की।
, कल्याणसूरि , चरणसुन्दरमरि -
ये भी अचलगढ़ की सं० १५६६ की प्रतिष्ठा में हाजिर थे।
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