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दिगम्बर सम्प्रदाय की पट्टावलियाँ
दिगम्बर जैन सम्प्रदाय की पट्टावलियों का आधार कुछ प्राचीन शिलालेख र कतिपय इनके ग्रन्थ, जिनके नाम "तिलोयपण्णत्ति", "वेदनाखण्ड की धवला टीका", "जयघवला टीका", " श्रादिपुराण" श्री "श्रुतावतार कथा" हैं, इन सभी में दी हुई प्राचार्य परम्पराएँ केवली, चतुर्दशपूर्वधर, दशपूर्वधर, एकादशांगधर, प्राचारांगधर प्रोर उसका एक भ्रंश जानने वाले श्राचार्यो तक की हैं ।
ले० नं० १ (प्रनुमित ७ शती)
१ गोतम
२ लोहाचार्य
३ जम्बू
१ विष्णुदेव २ अपराजित
३ गोवर्धन
४ भद्रबहु
ले ० नं० १०५
० सं० १३२०
१ इन्द्रभूति
२ सुधर्मा
३ जम्बू
१ विष्णु
२ अपराजित
३ नन्दिमित्र
४ गोवर्धन
५ भद्रबाहु
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१ गोतम
२ सुधर्मा
३ जम्बू
हरिवंश पुराण
० ७०५
शक सं०
१ विष्णु
२ नन्दिमित्र
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३ अपराजित
४ गोवर्धन
५ भद्रबाहु
केवली ३
श्रुतकेवली ५
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