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नेमिनाहचरिउ
[२००२ [२००२] का-वि उज्झइ गेह-वावार क-वि लेइ न आहरण का-वि वाल भोयणु वि न कुणइ । क-वि मक्कडु सुय-मिसिण कुणइ कडिहिं क-वि सुन्नु पभणइ ॥ का-वि नियंसणु सिरि ठविर सयलु हसावइ लोउ । क-वि नयणहं अग्गइ ठिउ वि न नियइ एहु विणोउ ॥
[२००३] नयर-मग्गिहि घर-गवक्खेहिं सर-कूव-वावी-तडिहिं चडिय विविह-रूवावलंविर । वसुदेव-कुमार-तणु- विसय-असम-सोहग्ग-विनडिर ॥ अह वा सोरिय-पुरि भमिरि कुमरि तम्मि वहु-भेय । किं किं चेयहिं कामिणिउ मयणिण हरिय-विवेय ॥
[२००४]
तयणु नायर-पवर-पुरिसेहि विन्नत्तु नराहिवइ पत्थुयत्थ-वुत्तंत-कहणिण । ता मंतिवि निय-मइण भणिउ समुदविजएण निवइण ॥ कुमर भमंतह तुह नयरि हवइ कलह वाघाउ। ता गेण्हसु घर-गरुडिहिं जि स-गुरुहु-सविहि कलाउ ॥
[२००५]
अह तह-च्चिय कुमरु वटुंतु अइवाहइ दिण कइ-वि अवर-दियहि नरनाह-दासिय । कक्खलिय-चंदण गहिवि हत्थि भणिय जह - मह पयासिय ॥ किं इहु कत्थ व जासि तुहुँ इय साहसु वुत्तु । ता गुरु-कोविण दासडी भणइ कुमार तुरंतु ॥ २००४. ३. क. पेत्यु.
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