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नेमिनाहचरिउ [२९४९]
सरय-ससहर-विव-संकास जय-मणहर-पंच-मुह- पंचयन्न-अभिहाण-संखह । संचल्लिउ अभिमुहउ जाव ताव तमु कमल-अक्खह ॥ नाहह समुहु समुल्लविउ सीस-निसिय-हत्थेहि । आउह-साला-संठिइहिं ह रेहि पुरिस-सत्थेहिं ॥
[२९५०]
सच्चु सामिय अतुल-बलु तं सि परमज्ज-वि अप्प-वउ इय न तरसि तुहुँ संखु घेत्तु वि । आऊरणु दूरि पुणु इमह मुयसु ता गहण-चित्तु वि ॥ एक्कु जि आऊरेइ इहु संख-रयणु जुय-वाहु । कंस-काल-जरसंध-हरु हरि भरहद्धह नाहु ॥
[२९५१]
ता विसेसिण ईसि विहसंतु अक्कमिउण अग्ग-पहु नेमि-कुमरु वामेग-पाणिण । उक्खिविउण लीलहं वि कय-चमक्कु भुवणह वि स-वलिण ॥ अ-किलेसिण वियसिय-नयणु आऊरिवि हरि-संखु । विविह-विअप्पुवहरिय-मणु कुणइ जगु वि गय-लक्खु ॥
अवि य -
[२९५२]
संख-सहेण स-गिरि स-समुद स-ग्गामायर स-पुर स-घर धरणि सयला वि कंपिय । तह कहमवि जह सरहिं विंझ-गिरिहिं सिंधुर सु-दप्पिय ॥ निवडहिं कुल-सेलहं सिहर खुहियउ लवण-समुहु । सुर-सरिय वि विवरिउ वहइ फुडइ व गयणु सु-रुंदु ।
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