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नेमिनाहचरिउ
[ २९२५ [२९२५] __ चित्त-लिहियउं रूवु दोवइहि वियरेइ नराहिवह अह सु असम-कंदप्प-भाविउ । परिजंपइ - मणुय-भवि तरुणि-रयणु इहु किह णु आविउ ॥ अहवा चिट्ठइ कत्थ इय मह साहसु पसिऊण । अह नारउ निव-वियरियइ आसणि उवविसिऊण ॥
[२९२६]
भणइ - नणु इह जवुदीवम्मि सिरि-हत्थिणउरि-नयरि दइय पंच पंडवहं वालिय । इह दोवइ-नाम छण- रयणिरमण-सिय गुण-विसालिय ॥ तहि पुणु सेसु वि सहस-मुहु रूवु कहेउ अ-सत्तु । किं पुणु हउं साहे मि तुह नरवर माणुस-मेत्तु ॥
[२९२७]
अह विसेसिण मयण-विहुरंगु आराहिवि सुर-रयणु एगु भणइ तमु पुरउ नरवरु । जह - दोवइ कह-वि मह आणिऊण मेलेसु अह सुरु ॥ सुह-सुत्तिय पंडवहं पिय अवहरिउण अइरेण । वियरइ तमु निवइहि तिण वि कय-बहु-सक्कारेण ॥
[२९२८]
चाडु-चयणिहिं वहुहिं सा भणिय तीए वि समुल्लविउ मज्झु संति हरि-मुसलि वंधव । जइ तत्ति ति न करिसई मज्झि दियहं मह कित्तियाण व ॥ ता हउं उचिउ समायरिसु इम भणेवि रोयंत । चिट्ठइ दोवइ भोयणु वि भन्नंत वि अ-कुणंत ॥ २९२५. १. क. रूव.
२९२६. ८. क. पुण; ९. क. माणस. २९२८. ४. क. तत्ति न.
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