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नेमिनाहचरिउ
[२८४४]
सयल पर-वलि खुहिय खोणिंद भड निवडहिं धरणियलि तसिय तुरय मय-मुक्क कुंजर । संचुण्णिय रहस्यण मणुय-हणिर नासंति वेसर ॥ अहव किमियरिण जंपिइण सयलु वि मागह-सिन्नु । नेमि-कुमारिण एगिण वि लीलई विहिउ विवन्नु ॥
[२८४५]
अवि य छिंदइ भडहं धणु-जीव विणिवाडइ छत्त-झय- चिंध दलइ संदण-सहस्सई । आलोडइ सत्तु-वलु लहु करेइ रिउ-मण स-वस्सइं ॥ एगु जि नेमि-कुमार-रहु नह-मंडलिण भमंतु । दिछु अलाय-च्चक्कु जिह दुहि-वि वलिहिं दिप्पंतु ॥
[२८४६]
जलहि खोहइ जिम्व महा-मच्छु पायालह नीहरिवि तेम्व नेमि-कुमरस्सु रह-वरु । एगो वि अणेग-विहु नडइ मगह-सामिस्सु वल-भरु ॥ इय अ-क्खलिय-पयावु पहु तहिं रह-वरि आरूदु । सिरि-हरिवंस-सिरो-रयणु नेमि-कुमरु अ-विमूहु ॥
[२८४७]
निरु पुरंदर-चाव-परिमुक्कदिव्वाउह-धोरणिहिं हणइ मगह-निव-बलु असेसु वि । तह कहमवि जह पडिय- चमरु गलिय-झउ दलिय-कलसु वि ॥ फाडिय-गुड-पक्खर-कवउ गय-छत्त-सिरत्ताणु । उज्झिय-आउहु चइय-रणु दूरिण गलिय-पराणु ॥ २८४६. ३. क. तेव.
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