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नेमिनाeafte
[ २८१६] नेम - कुमरिण वावरतेण
पुणु पुणु व महारहिहिं नच्चावि तह कह - वि
जह जस - पडह - पडिरविण भग्ग-मडप्फरु रिउ-गणु वि स -पहुहु पुरउ भणेइ ॥
सह निवेहिं भगदत्त - पमुहिहिं । कित्ति-रमणि संगाम- धरणिहिं ॥ सह नज्ज-वि विरमेइ ।
[ २८१७]
अह सामि रक्खि रक्खेहि
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निक्कारण - कोवियउ विच्छाय रिउहु पह वियर गुरुहु - वंधवह
ता न इमिण रुट्टिण हवइ जीविउ कसु-वि अवस्सु ॥
नेमि - कुमरु छड्डइ न किं-चिवि । दलइ दप्पु जय - सिरि वि संचिवि ॥ वासुदेव-नामस्तु |
[२८१८]
तयणु सेणाहिव - हिरण्णाभ
अणुवलद्ध-संखहं रणंगणि ।
मुहाण नराविहं निसुविणु मरणु जरसंधु निवइ झूरेइ निय-मणि ॥ सिसुपालह सविहम्मि पुणु भणइ - किह णु भवियव्वु । दीस रिउ - कुलु गरुय - वलु इय धुवु मई मरियव्वु ॥
[२८१९]
तणु धीरिम करिव सिसुपाल
साडोवु समुल्लवइ
जइ भग्गउं तुम्ह वलु
ता किं कीरउ ज न जगि वि कु-वि वलियउ देवस्तु ।
तह - वि हु नूण न सप्पुरि
कमवि हवइ निरासु ॥
देव किमिह तुम्ह विसाइण । एम्व तेण सिरि-नेमिना हिण ॥
२८१६. २. क. महारहिं.
२८१९. ४. क. भग्गउ. ५. क. एवं ८. क. नूण सप्पुरिसु.
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