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एम्व मरणंत-उवद्दवु वि जरसंघ - नरा हिव
पासायचेइय-हरहं
उद्धीकय-मुह-कुहर नयरब्भंतरि वासरि वि
fare विदीसहिं गयण-पह तारायण - संछन्न ॥
इओ य
मिनाहचरिउ
[२७६५] घरि सरोवर विवणि दीहीसु
-
सहर are faraहिं अरिद्वय । यहि मिलिवि ओरालि सुणह य ॥ पविसहि पसु आरन ।
arrass समुह पाविउ ॥
अणुदिण- मिलमाणिण वलिण पूरिय-वसुहाभोगु । पिक्खंत सर-सरि - सिहरि - नयरई किं-चि स- सोगु ॥
[२७६७]
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[२७६६ ] बहुविह-असिव - उवइड
कंस-काल-मरणिण दुहाविउ ।
कहिउ नारय- रिसिण जरसंघ -
वसुहाहिव-संचलनआगंतु नहयल - परिण साहिउ अह सो हरि-मुसलि - पमुह-सवग्ग - समेउ । कुठुगि नेमित्तिउ नियय- पुरिसिहिं सदावे ॥
अंतु सयल yog वइयरु | समुदविजय - निवइहि स - वित्थरु ||
[२७६८] afra पसरिय - हरिस-रोमंच
पुलयंचिय- विग्गहिण
को केरि अम्ह जउ
जंपिउ जह - जरसंघ - निवु हरि पुणु निहणिय-रिउ-निवहु भरह-अजु मुंजे ||
२७६५. २. क. चेइ marginally corrected as चेइय; ख. चेइ; ७. क. पविसहि.
समर - रसिण जावहं वग्गण । तेण समगु रणि तयणु इयरिण ॥ नित्तुलु समरि मरे ।
[ २७६५
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