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६०२ नेमिनाहचरिउ
[ २६८२ [२६८२] भणइ - तुहेरिस चित्तं जइ ता नित्तुलमिमं करिस्समहं ।
किं पुण विज्जा-गहणं करेमि जा ता विलंवेसु ॥
[२६८३] अह तीए च्चिय दिन्ना पन्नत्ती-नामिया महा-विज्जा ।
वहु-विज्जा-सहसेहिं सहिया पज्जुन्न-कुमरस्स ॥
[२६८४]
तयणु कुमरिण अइर-कालेण उवसाहिय विज्ज जह- कहिय-विहिण साणंद-चित्तिण । ता पुणरवि तीए तह चेव भणिउ पज्जुन्नु अह तिण ॥ पण मिवि जंपिउ - मज्झ गुरु तुहुं विज्जा-दाणेण । थण-पाणेण य जणणि इय मई न भविण एएण ॥
[२६८५]
कज्जु सिज्झइ एहु आ-कालवहु-भेयाणत्थयरु तयणु तित्थु सविलक्ख-माणस । परिवियलिय-चिहुर-भर नीहरंत-नीसास-पगरिस ॥ कररुह-दारिय-थोर-थण धाहाविर सा पाव । जंपइ - धावहु धावहु-न अह कय-करुण-पलाव ॥
[२६८६]
तत्थ आगय विविह-चेडीउ संपिडिय खयर-भड मिलिय सयल नरनाह-भारिय । लह पत्तउ संवरु वि ता भणेइ सा कणयमालिय॥ नियम नियसु तुह वल्लहिण सुइण ज विहिय अवत्थ । कुणहिं न सुणय न रासह वि जणणिहि एरिसु एत्थ ॥
[२६८७] तयणु महेला-वेलविय-माणसा गहिय आउहा सुहडा ।
संवर-वयणेण रणं गेहंति समं कुमारेण ॥ २६८६. १. क. चेडीओ.
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