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२५७४ ]
नवमभवि वारवइनिम्माणु
[२५७१]
तयणु जायव - कुलहं कोडीण
अट्ठारस-संखयहं अन्न व जहारिह समुदविजय नरवर पमुह जायव आवासंति । जाता तत्थ विठियहं तहं जायइ दियहि पवित्ति ॥
कमिण का विणिवेस सेन्नई | ठाण दाउ निव-पगइ - भूवहं ||
[२५७२]
सयल - सज्जण - वणिय धम्मियण
सुहि-सयण-मणोरहिहिं
अ- किलेसिण सुय-जुयल अह तहं वियरिउ जायविहिं
एगह भामरु इयरह उ
संजय पवर-दिक-हाण - विलेववलि
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[२५७३]
तयणु तत्थ विठियां जायवहं
सच्चद्दाम भुवणह वि सारिय । असमु जिrs हरि-पवर - भारिय || संतोसिण अभिहाणु । अवितहत्थु गुण-भाणु ॥
fare पूय रयणायरह
afer जलनिहि-पहु तियसु सुत्थिउ हियइ धरितु ॥
२५७१. ७. क. आवासंमि. २५७२. ९. क. अवितहत्थ
लग्ग - विहिण नेमित्ति-कहिइण । कम्म-वत्थ-आहरण-भूसिण || तह किउ अट्टम - भत्तु ।
[२५७४ ]
अह सु आसण-कंप - विन्नाय
हरि- हलहर-आगमणु वे रयण-आहरण- कुसुमई । संखो वि-हु पंच-मुह पंचयन्न - अभिहाणु अ-समई ॥ अन्ना व नाना- विहई धरहं अ-संभविराई । हरिह दे वत्थूणि सुरु सुत्थिउ हियय-हराई ॥
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