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[ २४१५
नेमिनाहचरिउ
[२४१५] इय थोऊणं सक्को नेमि-जिणं नेइ जणणि-पासम्मि । रयण-सुवन्ना इ-निहाणएहिं पूरेइ जिण-भवणं ॥
[२४१६] जंवू-पन्नत्तीओ नेयं जिम्म-मह-सेस-कारिज्जं । वत्तीस-सुरिंदेहिं कय-सिक्कारो पुणो नेमि ॥
[२४१७] दटुं पहाय-समए समुद्द-विजयाइणो मणे तुट्ठा। अह वारसम्मि दिट्ठो काऊण महूसवं गरुयं ॥
[२४१८] चिर-रिट्ट-रयण-मइयं जं नेमि सुमिणए नियइ जणणी । पियराइं रिट्ठ-नेमि त्ति तेण नामं निवेति ॥
[२४१९] अहवा +य अरिहाई नहाई जं इमेण जाएणं । इट्ठो व अरीणं पि-हु अरिट-फल-सामलो वा वि ॥
[२४२०] ठावंति तेण नामं अरिठ्ठ-नेमि ति जिण-वरिंदस्स । रूवेण य चरिएहिं आणंदिय-सयल-भुवणस्स ॥
[२४२१] अह वड्ढइ सो भयवं सेविज्जतो सुरेहिं पइ-दियहं । पुण्ण-परमाणु-निवहो ब्व कीरमाणम्मि जिण-धम्मे ॥
* The portion from इ-निहाण (2415. 2.) to सुमरिऊण (2425. 1) is based on ms. ख. only.
२४१६. १. जम्मामह, करिज्ज; २. सक्कार. २४१९. १. अहवा वा; पइमेण.
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