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[२४०६
नेमिनाहचरिउ तथा -
[२४०६] (ज्ज ?) भव-तरु-भंग-समीर गुण-मणिण नीरालय भीम-मोह-करि-कुंभ तरुण-कंठीरवामीलाय (?)। अंवर-विमल कलंक-पंक-वारि-भर महा-वल चरण-नीररुहमिह नमामि तव देव कलामल ॥१
[२४०७] कलिल-कमल-हिम-पूर-जडिम तम-भर-रवि-मंडल केवल-वुद्धि-निवास-गेह भासुर-भा-मंडल । गुण-गण-धाम सु-राम काम-कंदलि-विगुणानिल माया-वल्लि-समूल-दाह-दारुण-दावानल ॥२
[२४०८] परमागम-सुरसिंधु-मूलकारण-हिमगिरिवर स-जलसंग-नव-नीरवाह-सम-सुंदर गुरुवर । सिद्धि-कमल-वर-भसल सुकुल-संभव भव-तारण वंदे देव भमंत-मगल(?)कमलागम-कारण ॥३
[२४०९] चरण-करण-करुणोरु-वद्ध-रस-रस-निर-निवारिण(?) रामासंग-विरंग-चित्त करुणा-संधारण । अ-रणासंग नीरीह निविड-दम-बद्ध सु-संगम करण-तुरंगम-रज्जु-वंध वंधुर-वंधागम ॥४
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२४०६ ३: नहावल. २४०७. ४. माह. २४.८. .. २. गुरुरव.
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