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नेमिनाहचरिउ
[ २३८९
[२३८९] पुणु चंदु ण्हवइ तह दिवस-नाहु जिणु नेमि निरुद्ध-+भव-प्पवाहु ।
२३९०] इय विहियइ मज्जणि भव-भय-भंजणि सेस सुरिदिहि जिणवरहं । सोहम्मह सामिउ मुगइहि गामिउ जह करेइ कित्तेमि तह ॥
[२३९१] २२) कय-पंच-रूवु ईसाण-इंदु उवविसइ अंक-कय-जिणवरिंदु । ___ तो कुंद-धवल चत्तारि वसह वेउव्वइ चउ-दिसि सक्कु जिणह ॥
[२३९२] अह ताण अट्ठ-सिंगुब्भवाउ उच्छलिवि सलिल-धारउ वराउ । उद्धंमुह-वर-खीर-प्पहाउ एक्कहं मिलेवि निवडंति ताउ ॥
[२३९३] मरगय-सिल-सच्छहि नेमि-वच्छि हारावलि व रेहंति सच्छि । तो ण्हवइ जहेवच्चुय-सुरिंदु तह सक्कु वि व्हावइ जिण-वरिंदु ॥
[२३९४] तो सुरहि-कसाइय-चीवरेण लूहेइ अंगु सव्वायरेण । उवलिंपइ पवर-विलेवणेहिं भूसेइ वत्थ-वर-भूसणेहि ॥
[२३९५] सु-सुयंधिहिं सुरतरु-संभवेहिं पूएइ अ-संखिहिं सुमणसेहिं । वज्जंतिण तो दुंदुहि-गणेण पूरिज्जइ अंवरु पडिरवेण ॥
[२३९६] इय भव-भय-गंजणु कुणहिं ज मज्जणु भत्ति-भरिण विवुहाहिव वि। तं सुर-गुरु-तुल्लु वि मइहिं अ-भुल्लु वि को वण्णइ जीहा-सउ वि ॥ २३८९. २. •भवण.
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