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नेमिनाहचरिउ
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इय पसीउण मज्झ धणवइहि धणदेव-धणदत्तयह कह वि पत्त माणुसिय-जम्महं । संसारिय-सुह-विमुह- मणहं हियय-निसिय-सिव-सम्महं ।। दंससु अंतर-रिउ-महणु सम्मदिटि-अमच्चु । जह विक्कमधण-नरवइहि सच्चु हवेमि अवच्चु ॥
[२११]
अह कुमारह देव-गुरु-जीवअज्जीव-पुण्ण-प्पमुह- तत्त-सुगइ-मग्गोवएसिण । उवदंसिउ असम-सुह- फल-समिद्धि-कप्पतरु-लेसिण ॥ सम्मदिहि-अमच्च-वरु चरण-निवइ वल-सारु । ता विक्कमधण-अंगरुहु अहलीकय संसारु ॥
[२१२]
नियय-बंधव-दइय-परियरिउ सिव-संगम-लोल-मणु थुणिवि चलण मुणिचंद-साहुहु । तियसासुर-निव-निवह- नमिय-पयह जुग-दीह-वाहुहु ॥ पुरउ पवज्जइ सुगइ-फल- कप्पदुमु संमत्तु । विक्कमधण-निव-अंगरुहु भव-संसरण-विरत्तु ॥
[२१३] अह महा-मुणि तस्सु लोगस्सु उवयारु बहु-विहु करिवि मिलिउ कमिण विहरंतु गच्छह । विक्कमधण-नरवइ विनिय-सुयस्सु ससि-किरण-सच्छह ॥ वियरिवि रज्जु महा-महिण अणुसीलिवि वर-धम्मु । हुयउ अणुक्कम-चत्त-तणु कर-गय-सुर-गिह-सम्मु ॥
२१०. ५. क. The letter corresponding to नि is partly blurred and can be read as cि or वि. सि bears marks of elison. ६ स दंससु.
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