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________________ ९०] पदमभवि धणवतं तु [८७] तयणु नणु किं सच्चु संजाउ सहि भइणिय- भणिउ इय सांडु समुल्लवइ अवल अयाय वाल हउं भणि- विक्खण तुह पुरउ [ac] ता सयं पि हु समय-संपत्तु भणिय असे तई पत्थुयत्थ-संसिद्धि-कारणु । तह कमलिणि भणइ - सहि तं पि किं पितसु असुह-वारणु ।। सकर - विणिम्मिड पेसवसु इयरह गय-सरणाउ । सो पेसिय तह समुह-मणु विवइहि हय-मयणाउ || चिंतयंत धणवइ - कुमारिय । सचिव-पुरउ गुरु-लज्ज - सारिय ॥ सयल-कलुज्जल-चंद | किं कहेमि सचिविंद ॥ [९] तणु णव ईसि विहसंत लज्जंत महि-निहिय-मुह गुरु-जत्तिण निय-करिहिं अणुजाणइ पत्थुय-विहिहिं सायरु कय-सक्कारु । तक्खणमवि सचिवाहिक वि चल्लिउ बहु-परिवारु ॥ [0] अयलपुर-नयरि आगओ यथोविहि विदियहिहिं । कुसल मद सिरि-सीह - निवइहि ॥ सामिय कुसल सया वि । जसु न विरमहि कया वि ॥ Jain Education International 2010_05 भुज्ज-खंड सहस- त्ति वेष्पिणु । लिहिवि सचिव - करयलि समप्पिणु ॥ पवण - वेगिण नरनाह-चलणहं पुरउ तापुर नरवरिण सचिवु भणई - नणु मह पहुहु सार करंतर वीरु तुहुं ८८. २. क. असेस. ७. सरणेउ ९. मयणेउ. ८९. २. क. सज्जंत supplied marginally. ९०. ३. क. थोविह. For Private & Personal Use Only २३ www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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