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नेमिनाहचरिउ
[१४४२] ता दड्ढ- पक्ख-जुयला स- किंटया उडिउं अ-तरमाणीं । दाह-दुहाओ वि गुरुणा पिय- विरह-दुहेण झिज्झती ॥९९॥
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[१४४३ ] हा हा निग्घिण पिययम निधिण पिययम इमेरिसे विसमे । उज्झउमिमं स- किंटयमवि कत्थ तुमं पउत्थो सि ॥१००॥
[१४४४ ] नेहस्स तस्स ललियस्स तस्स तस्स य नियय-वत्तस्स । किं दइय तए विसमे निर्दसिओ एस परिणामो ॥ १०१ ॥
[१४४५] अहवा न तुज्झ पिययम दोसो दासो इमस्स हय - विहिणो । जेणं न डिंभ-रूवाणमवि इमाणं कया करुणा ॥ १०२ ॥
[१४४६ ] खण-रत्त-सरूवेणं पुरिसेणियराओ अवि चइति । न उण वि वक्कर घत्ता हवइ इमा सम्मुह - विहिम्मि ॥१०३॥
[१४४७] जइ वा किं कुणइ पिओ किं व विही-कोव भरमुवगओ वि । समुहीहवंति कहमवि जइ पुत्र कयाई सु-कयाई ॥१०४॥
[ १४४८ ] इय करुणं विलवंती पिक्खती चलवलंत - डिभाई । वयणेण खेय-दुहक्कंता दावेण उज्झती ॥ १०५॥
[ १४४२
[१४४९] मरिऊण अहं अंगो जाया एस म्हि तुझ दुहियति । अरम्मि अवसरे विहिवसेण एत्थोवविद्वा ॥ १०६ ॥
[१४५० ] दिहं सारस-जुयलं कुरुलंत नहयलेण वच्चतं । अन्नोन्न- दुहक्कंत अंतरियं गरुयमग्गेण ॥ १०७ ॥
[१४५१] अह कत्थ दिट्ठ-पुव्वऽणुहूय-पुच्चा य एरिसावत्था | इय चिंतंतीए मए नियया जाई सुमरियति ॥ १०८ ॥
१४४२. २. क. सकंटया. ३. क. गुणा.
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