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नेमिनाearts
[ १४२३ ] किंतु कुण तरुणित्थी - रूवं गेहे चूडियं हत्थे । atafat a frलुक्केऊणं चिट्ठेज्ज एगत्थ ॥ ८० ॥
[१४२४] इय कय- संकेओ सो तहेव काऊण समगमक्काए । करयल-जुयलुप्पा डिय - चूडियओ तप्पिहिय-वयणो ॥८१॥
[१४२५] मणिमय-उवरिम - कुट्टिम-तलम्मि रइसुंदरीए सुताए । सविम्मि गंतु संपिंडियंगुवंगो उवविसेइ ॥ ८२ ॥
[१४२६] तस्सुवरि निवेसिय-गुरु- चूडियगे झत्ति निवस अक्का | खण- मेतेण य सुत्त - विउद्धाए भणियमियरीए ||८३ ॥
[१४२७] नणु अंवो हि तुभे चिट्ठेह इह त्ति तयणु परमक्का | इयरियर- वयण - वित्थर - मज्झे रइसुंदरि खिविउं ॥ ८४ ॥
[१४२८] भगइ - नणु वच्छि वसुहा वलए सयले इसिज्जइ जणेण । को-वि भणइ - दढमेसा निय-चंगिम-गव्वमुच्चहइ ||८५||
[१४२९] अन्नयरो भणइ - इमा अणुयत्तेउं मुणेइ न छल्ले । तेणेव इमं वेडुयमवलंवेऊण चिट्ठेइ ||८६||
[१४३०] अवरो उ भणइ एसा विरसा निल्लक्खक्क - कुक्खी य । कमन्नह स घराजिर - ठिए चयइ मयण - वेसमणा ॥ ८७ ॥ [१४३१] इय बच्छ कहसु केण वि जेण निमित्तेण वहसि नियममिमं । जह अहमवि- अ-याणुय-जणाण त्रयणं अवगणेमि ॥ ८८ ॥
[१४३२] तयणु थुकिय-वयणा जंपइ रइसुंदरी
भणउ लोगो । जं वा तं वा वो तुम्हं किमिमाए तत्तीए ॥८९॥
१४२९. ३ चेडूय'.
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