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________________ ३१२ नेमिनाeafte [१२४१] इय सुणेविणु निवइ सु बिसन्तु परिचितs - अहह घिसि जं कल्लि जि दिठु मई एउ जि कल्लि जि सविहि तसु दिठु जु सु जि संपइ अहह अइ-विरसई विलसिय अइ-गरुयह इयरह वि इहु गुणवंत इहु अ-गुणु इहु वहु- परियणु एहु इगु [१२४२] अरिरि घिसि घिसि हय-कर्यंतस्सु Jain Education International 2010_05 अ-गणंतु सुहासुई जिय- लोगु वि हय - विहिण अ-सरणु अ-वसु परिच्चयइ एतो च्चिय भड उज्झियउ fafe कमेहु मइ-मोहु सिविणु व । एहु ललंतु तह तह सुरिंदु व ॥ परियणु परिकीलंतु । सुम्मइ करुणु रुयंतु ।। अणवसरि वि दडवडउ निवडइ । इहु हयासु जमणत्थु पयडई | इहु पहु एहु अ-सारु । इय न कुणेइ वियारु ॥ [१२४३] किंतु काणणि जलिउ हुयवह व इहु हयासु भुवणु वि दुहाव | हीरमाणु सयल वि स-संपइ ॥ स वि भुज्जइ अन्नेहिं । पुत्र- पुरिस - सीहेहिं ॥ [१२४४] जं पि वालिण चिहुर-उक्खणण उर-पिट्टण - रूयण पिय- पढम-विरहि दो- तिन्नि दियहई । पयडिज्जइ तं पि धुवु जाणियव्व अविवेय-ललियई || सोय-विहिर्हि वहुहिं वि कहिं हवइ कु तसु उत्रयारु । सु-गइहिंद-गइहिं वि वयइ जिउ स-मुहासुह- सारु || १२४२. ४. क. इयर missing. १२४३. ७. क. तुज्जइ. ११४४. १. क. उक्खणिण. [ १२४१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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