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________________ नेमिनाहचरिउ [१२२५ [१२२५] तयणु कट कट सिविण-अणुरूवु वंदियणिण पढिउ इय चिंतयंतु निवु वंदि-विदह । वियराविवि दाणु बहु वियसमाण-वयणारविंदह ॥ तयणु तुरंतु करेवि निय- पाओसिय-कम्माई । सिविण-विसारय वाहरिवि पुच्छइ सिविण-फलाई ॥ [१२२६] ___ता हवेविणु रहि मिलेऊण एगग्ग-चित्तिण सयल विउस सिविण-सत्थत्थु भाविवि । अवराजिय-नरवइहि पुरउ समगु सव्वे वि आविवि ॥ साहहिं जह – पहु तुम्ह कुल- गयणंगण-रयर्णिदु । सहस-करु व तेयन्भहिउ हविहइ तणउ नरिंदु ॥ [१२२७] अह स-हरिसिण निविड-पडियत्ति पयडेविणु बहु-विहिहिं सिविण-विउस सयलि वि विसज्जिय । देवी वि अ-विग्घ-सुय- रयण-लाह-विहि-कज्ज-सज्जिय ॥ आराहइ गुरु-देव-पय कुणइ विविह-किरियाउ । गमिउण अद्धहम-दियह समहिय-नव-मासा उ ॥ __ [१२२८] कप्प-पायवु भोग-भूमि व्व पणइयणाणंदयरु तणय-रयणु पीइमइ पसवइ । तयणंतरु महिहिं सुय- जम्म-महिम कारवइ नरवइ ।। पत्तावसरु विइण्णु तमु नामु पउमसारु त्ति । अइरेण य वुढिहिं गयउ गुणिहिं समगु कुमरु त्ति ॥ १२२६. ३. विउस विग. १२२७. ७. क. किरियामो. ९. क मासा भो. After 1227. क. ख. ग्रंथान ३५००. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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