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नेमिनाहचरिउ
'पर मेहला पीइमइ' ति ॥
[१२०१]
इय विचित्तर्हि वयण - रयणहिं
आनंदिवि निवइ-मणु परिणिज्जिवि पीइमइ धवलिवि महि-मंडलु जसिण किज्जेत हिय-इच्छियइ
वीवाहिय वित्थरिण
[१२०२]
कुमर - स्यणिण पीइमइ-कन्न
माणु दलिवि पडिवक्खि- कुमरहं । जणिवि चोज्जु निरु विबुह बिसरहं ॥ सविहि पहुत्तइ लग्गि । पणइयणहं जह-जोरिंग ॥
वृद्धावण- तूर खु रुयादिण वित्थरिय असरिस पसरिय-तोस-भर विलसहिं पुर-तरुणीउ ||
तह कह - चिजह लहु अ-सेसहं । हरिस भरु वि पसरियउ वसुहहं || कुमरि-जणय-जणणीउ ।
[१२०३]
तयणु चच्चरि तिगि चक्कम्मि
पुर-रच्छहिं क्व-सरउद्धीकय-कह-लहु
घर - अवलोयण - जिणभवण- पायास्वरि निविट्ठ | नयण- पहागइ नव- मिहुणि तर्हि तरुणियण पट्ठि ॥
नव-परिणिय - पीइमइ
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सरिय-तीर - धरणियल - सिहरिहि । कय-निवेस -
- वहु-मंच - विवरिहिं ॥
[१२०४]
भाइणि अग्गल मुयसु जिह हउं वि
पियह असम-सोहग्ग- सारह | अकय-तवहं दुलहह कुमारह ||
अवलोयहुं मुह-कमलु अवर भणइ - हलि हेल्लडी किं तुह एत्तिउ सोडु ।
एयह मिहुणह जोयणइ
अम्हा विकिन कोडु ॥
१२०२. ३. क. कंह चि. ७. क. जणणीओ.
[ १२०१
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