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११७६]
पंचमभवि अवराइयवृत्तंतु
[११७३] अमिय-संखय-चारु-चउरंग वल-पूरिय-धर तरुण विहिय-अंग-सिंगार सुंदर । आणंदपुरि पत्त अह निविण तेसि आवास मणहर ॥ नियय-निउत्तय-माण विहिं चियराविय जह-जोग्गु । कमिण पहुत्तउ पीइमई- कुमरि-विवाहह लग्गु ॥
[११७४] अह अणुक्कमु वियरियादेसु सव्वेसि वि निव-सुयह आसणेसु वसुहाहिराइण । उवविट्ठ नरिंद-सुय सव्वि तयणु अविलंव-जोइण ॥ नाणा-विह-सहियण-सहिय करयल-कय-वरमाल । कय-असरिस-सिंगार जियसत्तु-नरिंदह वाल ॥
[११७५] लहु सयंवर-मंडवह मज्झि निय-दसण मेत्तिण वि निवइ-मुयह सयलहं वि हिययई । खोहंती पत्त अह अंव-धाइ तह नाम-गोयइं ॥ कमिण निवेयइ कुमरियहि न-उण कहि-चि वि एय । दिहि वि खिवइ निवंगरुहि सुर-गिरि-गरुय-विवेय ॥
[११७६] तयणु कंचुगि भणइ - नणु कुमरि सम्वे वि निवंगरुह संति एत्थ मिलिऊण आगय । इय फेडसु पुच्छिउण कलहं विसइ निय-हियय-संसय ॥ एत्थंतरि महुरक्खरिहिं कुमरिहिं ईसि इसेवि । लज्ज-वसिण मुहु महियलहं सम्मुहु विणिवेसेवि ॥
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