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नैमिनाहचरिउ
[११६९] इय विचिंतिर भणइ - नणु ताय परिवाग-दारुण विसय भवि हवंति जीवहं सहाविण । अवियढिण माणुसिण सह उ दुहई वियरवि विसेसिण ॥ इय अ-दिह विस-कंटगु व गरुय-दुहउ विसयड्डु । सिंग-विवज्जिउ दु-पउ पसु चइयघउ अवियड्दु ॥
[११७०] इय वहत्तरि-कल-वियारेण जो तुम्हहं पयडु मइं जिणइ मज्झ सु जि देज्ज पिययमु । इयरह किमणत्थ-फल- विसय-सुहिण ता लेसु संजमु ॥ इय निसुणिवि धूयह क्यणु निवु परितुटु मणेण । सहावइ सचिव-प्पवरु स-निउत्तेहिं खणेण ॥
[११७१] ता नराहिवु धूय-वुत्तंतु सचिविंदह कहइ अह तेण भणिउ - नणु देव जइ इहु । ता गरुयर-वित्थरिण विजिय-तियस-गिह-सोहु इह लहु । काउ सयंवर-मंडवउ सदावहु जय-सार । निरुवम-कित्ति-पयाव-भर सयलि वि निवइ-कुमार ॥
[११७२] अह सयंवर-मंडवु करेवि स-निउत्तय-माणविहिं उचिय-उचिय-निय-लेह पेसिवि । सव्वेसि वि निव-सुवहं पीइमइहि वइयरु पयासिवि ॥ सद्दाविय जियसत्तु . नरनाहिण तियस-विसेसु । परिसीलिवि ससि-निम्मलहं कलह कलावु अ-सेसु ॥
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