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पंचमभवि अवराइयवुत्तंतु
.[११५७]
the एत्थ व भरह - खेत्तम्मि समुदविजय- नरनाह - नंदणु । ति-जय- लोय - आणंद-संदणु ॥
उसह-चउव्वीसाए । महिहि सु-कय- आसाए ॥
सिरि-वारवहिं पुरिहिं
हरि-वंसह जस-कलसु aratasy जिणाविर rass सामिउ नेमि - जिणु
[११५८]
विमल सिरि-नेमिनाहह जिणह तयणंतरु स परियणु पुणु पुणु अवराजिय-कुमरभइ रहय-कर-कोसु कय
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हरिनंदि-नरवइ- सुयह अवराजिय-नामयह रज्ज-धुरंधरु अंगरु ears कु-वि अहवन्नयह
[१९५९]
भयवमस रिस-सुकय- रासिस्सु
वि सचिव अंगरुहु
तणउ सीसु गण-हारि हविes | सुमालि नहयरहं अहिवइ || गुण-गणु मणि सुमरंतु । किच्चु अप्पु मन्नंतु ॥
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तयणु चारण- मुणि भणइ - नेय
खयरिंद तुह कन्नयह न-वि य इयरह विखयर - दुहियह ।
हविह कु-वि रज्ज-धरु पु० - जम्म- संतइ - निविडतरुणी - रयणह पीइमइ
arउ किंतु सोहग्ग-निलयह ॥ सुघडिय - पडिवंधस्सु । अभिहाणिण पयडस्सु ॥
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उभय- लोय-जय-जंतु - सुहयह । इमह सयल - गुण - पुरिस - रयणह || किमिह कणयमालस्सु । सुकयवइहि दइयस्सु ॥
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