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________________ २८४ नेमिनाहचरिउ [११२९ [११२९] खयर-पहु-कय-गरुय-वित्थरिण मुहि-सज्जण-परियरिउ जणिय-भुवण-आणंद-वित्थरु । परिपढिर-मागह-निवहुः दिण्ण-अभय-मोयविय-तक्करु ।। कुमरु पहुत्तउ धवल-हरि इयरि वि खयर-कुमार । परिचिट्ठहि तमु सन्निहिहिं चइय-नियय वावार । [११३०] ___ता विसज्जिय-सेस-परिवारु निय-सार-परियण-सहिउ धवलहरय-अवलोयण-हिउ । परिचिंतइ कुमर-वरु वहु-चियप्पु अणिमेस-दिहिउ ॥ किं जीवंतहं आविहइ कह-वि पुणु-वि सो कालु । जहिं पिच्छेस्सहुँ वालियह तहि मुह-कमलु विसालु ॥ [११३१] एत्थ-अंतरि अत्थ-सिहरिम्मि अवइण्णउ सहस-करु सह कुमार-मुक्खाणुवंधेण । अणुरत्त य अवर दिसि हरिण-नयणि सह कुमर-वुद्धिण ॥ उच्छलियउ पुणु तम-नियरु सह तमु संतावेण । पत्तावसरु समुग्गयउ ससि सह रणरणएण ॥ [११३२] तयणु अवगय-कुमर-भावेहि वियसंत-मुह-पंकइहिं भणिउ सविह-गय-खयर-कुमरिहिं । किमु झायसि जोगिउ व पुरिस-रयण अणिमिसिहि नयणिहि ॥ कुमरु पयंपइ - सिद्धि हउं झायहुं निय-कज्जस्सु । अह अ-मुणिय-तत्त व खयर जंपहिं - केरिस तस्सु ॥ ११३२. ८. क. व missing. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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