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________________ ११३८] पंचमभवि अवराइयवुत्तंतु [११२५] तयणु नहयर रोस - रत्तच्छ आरोविय धणुह लहु रयणायर - गहिर-मणअह लहु कुमरु निवारिउण अंसुमालि - खयराहिवह पडिवक्खु खयर समुहु जह नहयर सयल लहु जपंति य जह सरणागय- वच्छलु नर- रयण हवइ [११२६] नियय-भुय-वल- दलिय - दुर्द्दत Jain Education International 2010_05 मुयहिं वाण सम्मुह कुमारद्र । वयण-तणुहु सुर - सिहरि-सारह || हय-गय- सुहड - साहु | सेन्तु विहिय-सन्नाहु || - होउ लग्गु तह कह - वि जुज्झिउ । विमुहिहूय सव्वंगु खुब्भिउ || खमसु अम्द अवरद्ध । सुयणु सुकय-उवलधु || [११२७] एहु न मुणिउ तुज्झ माहपु न य.दिउ भुवणयलि तुज्झ सरिसु अम्हेहिं सु-पुरिसु । ता अ-विषय-विस-तरुहु फल- विवागु हुउ अम्ह एरिस || तणु कुमारिण परिहरिय- समरारंभिण हत्थु | पुट्ठिहिं दिन्नउ नहयरहं अभय-पयाण - पसत्थु ॥ [११२८] इय निरिक्खिवि कुमर - माहप्पु सिरि-अंसुमालि प्पमुहू खयर - निवह हिय पहिउ | usafatara पुणु पत्त-सासु दिसि-मुहिहि नउ || दावित अंगुलिहिं तरुणिहि कामिज्जंतु । पिज्जत नयणंजलिहिं सुयणिहिं सलहिज्जंतु ॥ For Private & Personal Use Only ૨૮ www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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