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________________ नेमिनाहचरित [११०५ [११०५] तयणु तग्गय-मण व सा वाल कुसुमाउह-सवरगिण निहय अंगुवंगेसु तह जह । हुय इयरहं ओसहिहिं लहु अ-सज्झ इय कुमर-रयणह ॥ कुसुमचाव-भड-पडिकिइहि समुहीहोउण मुद्ध । स-कडक्खिहि नयणिहि नियइ असम-सिणेह-सिणिद ॥ [११०६] भणइ पुणु अणवगय-तत्त व्व जह - पिय-सहि किमिह इहु कुसुम-वाणु रइ-रहिउ चिट्टइ। चउराणण वयइ - नणु इह रई वि काणणि विसिहइ ॥ चिट्ठइ परिकीलंत जिह एहु अणंगु तह त्ति । ईसि ईसि विहसंत पुणु कणयमाल निय-चित्ति ॥ [११०७] किमिहु सुर-रिउ न न न सो कण्हु किमु ईसरु न न न सु वि नग्गु इंदु पुणु अणिमिसिच्छणु । विस-सिय-वयणु धरणिंदु बंभु चउ-वयण-दसणु ॥ मयणु अणंगु तावइ रवि रयणीयरु स-कलंकु । इह पुणु दोस-विवज्जियउ कु-वि नर-रयणु अ-संकु॥ [११०८] इय विचिंतिर भणइ नणु मामि चउराणणि इह वि लहु विसम-वाणु इहु वाहरिज्जउ । तयणंतरु निय-करिहिं इमह पूय-सक्कार किज्जउ ॥ अह चउराणण विहसिउण भणइ - सुयणु विसमस्सु । आणयणिण सक्कारिण वि किमिह विसम-वाणस्सु ॥ ११०६. ६. क. चिट्टा missing. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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