SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 289
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नैमिनाहचरिउ [१९९७ [१०९७] ता वियासिय-वयण-तामरंसु अणुमन्निवि तव्वर्यणु अंसुमालि-खयरिंद-दिन्नइ । बहु-नहयर-परियरिउ ठियउ गंतु धवलहरि भिन्नइ ॥ अह भोयण-ठिइ बित्थरिण पत्तावसरु करेवि । विमलवोह-नहयर-कुमर- परियणु सारु गहेवि ॥ [१०९८] खयर-पुरवर-सरिय-गिरि-सिहरसर-काणण-जिण-भवण- विहवु सयलु साणंदु पेच्छिरु । पप्फुल्ल-लोयण-कमलु कुमर-रयणु वेयढि हिंडिरु ॥ कत्थ-वि वहु-सहियण-सहिय विहिय-चारु-सिंगार । तिक्ख-कडक्ख-सर-प्पहर- दारिय खयर-कुमार ॥ [१०९९] पढम-जोवण असम-सोहग्ग ससि-वयणिय गय-गमण चारु-चरिय सव्वंग-सुंदर । ससि-विमल-कला-निलय अमय-महर-वयण मण-हर ॥ अनणु-रणिर-मणि-मेहलय परिसिंजिर-मंजीर । वर-अक्खय-फल-कुसुम-कर परिहिय-असरिस-चीर ॥ [११००] खयर-तरुणिय एग मयणस्सु पडिविवह पूय-विहि- करण-निरय कुमरेण दिट्ठिय । ता जंपिउ नयहरहं पुरउ - हंत पेच्छह पुर-हिय ।। कि परमेसरि एह रइ कुणइ पूय एयस्सु । लेप्पमयह कुसुमाउहह नउ सक्खं चिय तस्सु ।। १०९८. ४. क. पफुल्ल, ख. पपकल्ल. १०९९. २. क. सविवयणिय. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy