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________________ २६६ [१०५७ नेमिनाहचरिउ [१०५७] नाह नणु इहु धरणि-हरिणकहरिनंदि-नरवइ-तणउ भुवण-पयडु गुण-रयण-मंडणु । अवराजिय नामु जुव-राउ मुइय-पडिवक्ख-खंडणु ॥ तहिं मई तुम्ह पओयणिण गइण सु दिठ्ठ निरुत्तु । दिव्व-पओइण किण-वि इह नूण इयाणि पहुत्तु ॥ [१०५८] ता विसेसिण फुरिय-संतोसपुलयंचिय-तणु-लयह वसुह-पहुहु तहिं पुच्छमाणह । लहु वइयरु परिकहिउ वित्थरेण हरिनंदि-तणयह ॥ मित्तिण सविह-टिइण तिण विमलवोह-नामेण । तयणु ईसि परितम्मिउण भणिउ धरणि-नाहेण ॥ [१०५९] अहह पेच्छहु हय-पमायस्सु दुन्विलसिउ जमिह मह वंधु-अहिउ हरिनंदि-नरवरु । तसु नंदणु तुडि-वसिण पत्तु एत्थ जय-जंतु-मणहरु ।। मई पुणु अतिहि-सिरोमणिहि स-गिहागयह इमस्सु । संभासिण वि न विहिय क-वि पडिवत्ति वि कुमरस्सु ॥ [१०६०] ता कुमारिण धरणि-विणिहित्तमुह-कमलिण भणिउ -- नणु देव तुम्हि मह जणय-सन्निह । पडिवत्ति तुम्हहं तणिय नृण गेल्भ ता माणसिय इह ।। वुज्झहिँ लुक्ख विहंग परि नेह-रहिय-दाणाउ। छेयहं वंधणु नत्तु पुणु सम्भाविय-वयणाउ ॥ १०५७. ३. पयड. ५. क. मुदइय. ६. क. नहिं. ___Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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